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परिवार में जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तब लोग दु:खी परिवार के सदस्यों के पास जाकर उन्हें सांत्वना देते हैं। इसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। किंतु मुम्बई के एक गुजराती परिवार ने इस प्रथा को दूर करने का प्रयास किया है। अपनी मां के निधन पर संतानों ने उठावना कार्यक्रम घर पर न करते हुए टेलिफोनिक उठावना किया। इस आशय की अपील इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो गई है।
प्रथा को दूर करने की कोशिश
मूल गुजरात और लम्बे समय से मुम्बई में रहने वाली शांता बेन झांझरुकिया का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। तब उनकी संतानों ने बरसों से चल रही उठावने की परंपरा में बदलाव कर दिया। सभी ने मिलकर लोगों के घर आकर एक-दूसरे से मिलने की प्रथा को दूर करते हुए टेलिफोनिक पद्धति से उठावना किया। इस संबंध में परिवार वालों ने जो अपील जारी की थी, वह अपील सोशल मीडिया में वायरल हो गई है। अपील में कहा गया है कि मां के निधन पर उनका हमने टेलिफोनिक उठावना रखा है।
समय का अभाव है, इसलिए ऐसा किया
इस समय सभी लोग बहुत ही ज्यादा व्यस्त हो गए हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए झांझरिकिया परिवार ने टेक्नालॉजी का उपयोग करते हुए लोगों से अपील की कि वे घर पर ही बैठकर मृतात्मा के लिए शोक करें और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करें। इससे लोगों का समय बच जाएगा। लोग केवल अपना चेहरा दिखाने के लिए ही दूर-दूर से आते हैं, जिससे समय और धन की बरबादी होती है। संतानों ने स्पष्ट किया कि लोगों का समय बचाने के लिए हमने ऐसा किया।